तत्त्व, यौगिक, मिश्रण
तत्त्व (Element)
- वे शुद्ध पदार्थ जो एक ही प्रकार के परमाणुओं से निर्मित होते हैं तत्त्व कहलाते हैं। परमाणु तत्त्व की सुक्ष्मतम ईकाई होती है।
- तत्त्व की प्रथम परिभाषा फ्रांस के एंटोनीलॉरेंट लवाइजिए ने प्रस्तुत की जिसके अनुसार तत्त्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थ़ों में नहीं बांट सकते।
- तत्त्व के प्रतीक बर्जीलियस ने प्रस्तुत किए। तत्त्व शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग रॉबर्ट बोयल ने किया। तत्त्वों के संकेत को अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षर से प्रदर्शित करते हैं। जैसे- H, He, Li, Be, B, C, N, O, F, Ne, Na (Natriam), Ng, Al, Si, P, S, Cl, Ar, K (Kalium), Ca.
- तत्त्व दो प्रकार के होते हैं- धातु (Metal) और अधातु (Non-Metal)
धातु - धातु तत्त्व विद्युत और ऊष्मा के सुचालक होते हैं तथा ये ठोस अवस्था में आघातबर्द्धनीय (Meleable) और तन्य (Ductile) होते हैं।
अधातु - अधातु तत्त्व भुरेभुरे (Brittle) होते हैं और प्रहार करने पर टूट जाते हैं।
- कुछ महत्त्वपूर्ण प्रतीक - लौहा (Fe-फेरम), चांदी (Ag–अर्जेन्टम), लेड या सीसा (Pb–प्लम्बम), पारा या मर्करी (Hg–हाइड्रेजायरम), तांबा (Cu–क्यूप्रम), एंटिमनी (Sb–स्टबिन), टंगस्टन (W–वूलफ्रेम)
यौगिक (Compound)
- इनमें परमाणु का अनुपात निश्चित होता है। यौगिक का छोटे से छोटा कण अणु होता है। सभी अणु गुणों में समान होते हैं। मूल तत्वों के गुण विद्यमान नहीं होते हैं। यौगिक का संगठन सदैव स्थाई होता है जिसे केवल रासायनिक या वैद्युत रासायनिक विधि से अलग कर सकते हैं। जैसे शक्कर, नमक, जल, मिथेन इत्यादि।
मिश्रण (Mixture)
- मिश्रण का संगठन परिवर्तनीय होता है। जिसे भौतिक विधियों द्वारा सुगमता से अलग कर सकते हैं। ये दो प्रकार के होते है-
धातु और अधातु
(Metals and Non-metals)
- प्राचीन काल में मानव को केवल आठ धातुओं के बारे में जानकारी थी। ये धातुएँ हैं - सोना, चांदी, टिन, तांबा, सीसा, लोहा, पारा तथा एण्टीमनी।
- सन 1869 में मैंडलीफ ने एक आवर्त सारणी बनाई जिसमें लगभग 50 तत्व थे।
धातुओं के भौतिक गुण -
1. धातुएँ आघातवर्ध्य होती है। इसका अर्थ है कि उन्हें हथौड़े से पीटकर बहुत पतली चादरों के रूप में ढ़ाला जा सकता है। सोना व चांदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य धातुएँ हैं।
2. तन्यता धातुओं का एक और अन्य लाक्षणिक गुण है। समस्त धातुएँ समान रूप से तन्य नहीं होती है।
3. समस्त धातुएँ ऊष्मा की चालक होती है। चांदी ऊष्मा की सर्वोत्तम चालक है। धातुओं में सबसे कम चालक सीसा है।
4. धातुओं का एक और सामान्य गुण वैद्युत चालकता है। वे विद्युत प्रवाह में बहुत ही कम प्रतिरोध उत्पन्न करती है। अतः उच्च वैद्युत चालकता दर्शाते है। विद्युत धारा के सर्वोत्तम चालक चांदी तथा तांबा हैं। इसके पश्चात विधुत चालकता में क्रमशः सोना, एलुमिनियम तथा टंगस्टन का स्थान आता है। पारा तथा लोहा विद्युत धारा के प्रवाह में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध उत्पन्न करते है।
- मर्करी (पारे), सीजियम तथा गैलियम के अतिरिक्त अन्य सभी धातुएँ साधारण ताप पर ठोस होती है, परन्तु ये तीनों धातुएँ साधारण ताप पर द्रव अवस्था में पायी जाती है।
- धातुओं के गलनांक (Melting Point) तथा क्वथनांक (Boiling point) उच्च होते हैं, परंतु सीजियम और गैलियम का गलनांक बहुत कम होता है।
- धातुओं का घनत्व (सोडियम व पोटेशियम के अतिरिक्त) जल से उच्च होता है। ऑस्मियम (Os) सर्वाधिक भारी धातु है।
- धातुएँ सामान्यतः कठोर होती है, परंतु क्षारीय धातुएँ जैसे - लीथियम, सोडियम, पोटेशियम आदि इतनी मुलायम होती हैं कि इन्हें चाकू से भी काटा जा सकता है।
धातुओं के रासायनिक गुण -
- समस्त धातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयोग कर धात्त्वीय ऑक्साइड बनाती है। धातुओं के परमाणु शिथिल (Loose) आबन्ध वाले इलेक्ट्रॉनों को आसानी से खो देते है तथा धातु का धनात्मक आयन बनाते है। इसके विपरीत ऑक्सीजन के परमाणु अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते है तथा ऋणात्मक ऑक्साइड आयन बनाते हैं।
- यद्यपि समस्त धातुएँ आक्सीजन के साथ अभिक्रिया करती है परन्तु इनकी अभिक्रियाशीलता (Reactivity) भिन्न-भिन्न होती है जैसे - सोडियम तथा पोटेशियम, ऑक्सीजन के साथ प्रबल अभिक्रिया करती है। यदि इनको केवल हवा में खुला छोड़ दिया जाए तो यह आग पकड़ सकती है। जबकि ऑक्सीजन से संयोग करने के लिए मैग्नीशियम को पहले गर्म करना आवश्यक है। इसी प्रकार O2 की तांबे के साथ अभिक्रिया अपेक्षाकृत मंद गति से होती है। इस अभिक्रिया को सम्पन्न करने हेतु बहुत अधिक उष्मा उपलब्ध करना आवश्यक है।
धातुएँ एवं उनके यौगिकों का उपयोग (Metals and Its Compound)
पारा (Hg) –
(i) थर्मामीटर बनाने में
(ii) अमलगम बनाने में
(iii) सिन्दूर बनाने में
सोडियम (Na) –
(i) सोडियम परऑक्साइड बनाने में
सोडियम नाइट्रेट (NaNO2) –
(i) स्वाद के रूप में
(ii) KNO3, HNO3 के निर्माण में
सोडियम नाइट्राइट (NaNO3) –
(i) प्रतिकारक के रूप में
(ii) नाइट्रोजन बनाने में
सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) –
(i) बेकरी उद्योग में
(ii) अग्निशामक यंत्र में
(iii) प्रतिकारक के रूप में
मैग्नीशियम (Mg) –
(i) धातु मिश्रण बनाने में
(ii) फ्लेश बल्ब बनाने में
मैग्नीशियम कार्बोनेट (MgCO3) –
(i) दवा बनाने में
(ii) दन्तमंजन बनाने में
(iii) जिप्सम साल्ट बनाने में
मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) –
(i) औषधि निर्माण में
(ii) रबर पूरक के रूप में
(iii) बायलरों के प्रयोग में
मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड Mg(OH)2 –
(i) चीनी उद्योग में मोलसिस से चीनी तैयार करने में।
कैल्सियम (Ca) –
(i) पेट्रोलियम से सल्फर हटाने में।
(ii) अवकारक के रूप में।
कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) –
(i) ब्लीचिंग पाउडर बनाने में
कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) –
(i) टूथपेस्ट बनाने में।
(ii) कार्बन डाईऑक्साइड बनाने में
(iii) चूना बनाने में।
जिप्सम (CaSO4.2H2O) –
(i) प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में।
(ii) अमोनियम सल्फेट बनाने में।
(iii) सीमेण्ट उद्योग में।
(iv) खाद के रूप में।
प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaCO4).2H2O –
(i) मूर्ति बनाने में।
(ii) शल्य चिकित्सा में पट्टी बांधने में।
कैल्शियम कार्बाइड (CaC2)–
(i) एसीटिलिन बनाने में
(ii) कैल्शियम सायनाइड बनाने में
ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2)–
(i) कीटाणुनाशक के रूप में
(ii) कागज तथा कपड़ों के विरंजन में
कॉपर (Cu) –
(i) बिजली के तार बनाने में
(ii) पीतल बनाने में
कॉपर सल्फेट या नीला थोथा (CuSO4.5H2O) –
(i) कीटाणुनाशक के रूप में
(ii) विद्युत सेलों में
(iii) कॉपर के शुद्धिकरण में
(iv) रंग बनाने में
क्युप्रिक ऑक्साइड (Cu2O)
(i) पेट्रोलियम के शुद्धिकरण में
(ii) ब्लू तथा ग्रीन काँच के निर्माण में (Cu2O)
क्युप्रस ऑक्साइड (Cu2O) –
(i) लाल काँच के निर्माण में।
(ii) पेस्टिसाइड के रूप में।
क्युप्रिक क्लोराइड (CuCl2 2H2O)
(i) ऑक्सीकरण के रूप में
(ii) जल शुद्धिकरण में।
(iii) धागों की रंगाई में।
क्लोरीन (Cl)
(i) ब्लीचिंग पाउडर बनाने में।
(ii) मस्टर्ड गैस बनाने में।
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के निर्माण में।
(iv) कपड़ों एवं कागज को विरंजित करने में।
ब्रोमीन (Br)
(i) रंग उद्योग में
(ii) औषधि बनाने में
(iii) टिंचर गैस बनाने में
(iv) प्रतिकारक के रूप में
आयोडीन (I)
(i) टिंचर आयोडिन बनाने में
(ii) रंग उद्योग में
(iii) कीटाणुनाशक के रूप में
सल्फर (S)
(i) कीटाणुनाशक के रूप में
(ii) रंग उद्योग में
(iii) बारूद बनाने में
(iv) औषधि निर्माण में
फॉस्फोरस (P)
(i) लाल फॉस्फोरस-दियासलाई बनाने में
(ii) श्वेत फॉस्फोरस-चूहे मारने में
(iii) फॉस्फोरस ब्रान्ज बनाने में
हाइड्रोजन (H2)
(i) अमोनिया के उत्पादन में
(ii) कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में
(iii) रॉकेट इऔधन के निर्माण में
हाइड्रोजन परॉक्साइड (H2O2)
(i) ऑक्सीकारक के रूप में
(ii) कीटाणुनाशक के रूप में
(iii) रेशम, ऊन, चमड़े के विरंजन में
(iv) लेड के रंगों में
भारी जल (D2O)
(i) न्युक्लियर प्रतिक्रियाओं मे
(ii) ड्यूटरेटेड यौगिक के निर्माण में।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl)
(i) क्लोरीन बनाने में
(ii) अम्लराज बनाने में
(iii) रंग बनाने में
(iv) क्लोराइड लवण के निर्माण में (H2S)
हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S)
(i) सल्फाइड के निर्माण में
(ii) लवणों के भास्मिक मूलकों के गुणात्मक विश्लेषण में।
सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4)
(i) स्टोरेज बैटरी में
(ii) प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में
(iii) रंग उत्पादन में
(iv) पेट्रोलियम के शुद्धिकरण में
सल्फर डाईऑक्साइड (SO2)
(i) अवकारक रूप में
(ii) ऑक्सीकारक के रूप में
(iii) विरंजक के रूप में
अमोनिया (NH3)
(i) आइस फैक्ट्री में
(ii) प्रतिकारक के रूप में
(iii) रेयॉन बनाने में
नाइट्स ऑक्साइड (N2O)
(i) शल्य चिकित्सा में। (हास्य गैस)
प्रोड्यूसर गैस (CO + N2)
(i) भट्टी गर्म करने में
(ii) सस्ते इऔधन के रूप में
(iii) धातु निष्कर्षण में
वाटर गैस (CO + H2)
(i) वैल्डिंग के कार्य में
(ii) ईंधन के रूप में
कोल्ड गैस
(i) ईंधन के रूप में
(ii) निष्क्रिय वातावरण तैयार करने में
कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2)
(i) आग बुझाने में
(ii) सोडा वाटर बनाने में
कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO)
(i) COCl2 बनाने में
(ii) जल गैस बनाने में
फिटकरी (K2SO4Al2(SO4)3.24H2O)
(i) जल को शुद्ध करने में
(ii) औषधि निर्माण में
(iii) चमड़े के उद्योग व कपड़ों की रंगाई में।
एल्युमिनियम सल्फेट (Al2(SO4)3.18H2O)
(i) आग बुझाने में
(ii) कागज उद्योग में, कपड़ों की छपाई में
जिंक (Zn)
(i) बैटरी बनाने में
(ii) हाइड्रोजन बनाने में
जिंक ऑक्साइड (ZnO)
(i) मलहम बनाने में
(ii) पोरसेलिन में चमक लाने में
जिंक सल्फाइड (ZnS)
(i) श्वेत पिगमेंट के रूप में
जिंक क्लोराइड (ZnCl2)
(i) टेक्सटाइल उद्योग में
(ii) कार्बनिक संश्लेषण में
(iii) ताम्र, कांच आदि की सतहों को जोड़ने में
जिंक सल्फेट (ZnSO4.7H2O)
(i) लिथेपेन के निर्माण में
(ii) आँखों के लिए लोशन बनाने में
(iii) चर्म उद्योग में
फेरस ऑक्साइड (FeO)
(i) हरा काँच बनाने में
(ii) फेरस लवणों के निर्माण में
फेरस सल्फेट (FeSO4.7H2O)
(i) रंग उद्योग में
(ii) मोहर लवण बनाने में
(iii) स्याही बनाने में
फेरिक ऑक्साइड (Fe2.O4)
(i) जेवरात पॉलिस करने में
(ii) फेरिक लवणों के निर्माण में
फेरिक हाइड्रॉक्साइड (Fe(OH)3)
(i) प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में
(ii) दवा बनाने में
(iii) हीरा-काँच काटने में, आभूषण निर्माण में
मरक्यूरिक क्लोराइड (HgCl2)
(i) कीटनाशक के रूप में
(ii) केलोमल बनाने में
मरक्यूरिक ऑक्साइड (HgO)
(i) जहर के रूप में, मलहम बनाने में
अनाद्र मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl2.6H2O)
(i) रूई की सजावट में
सामान्य जीवन में प्रयुक्त कुछ महत्वपूर्ण यौगिक
सामान्य नाम (General Name)
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रासायनिक नाम (Chemical Name)
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1. साधारण नमक (Table-salt)
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सोडियम क्लोराइड [NaCl]
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2. खाने का सोडा (Baking Soda)
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सोडियम बाई कार्बोनेट [NaHCO3]
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3. धावन सोडा (Washing Soda)
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सोडियम कार्बोनेट [Na2CO3.10H2O]
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4. ब्लीचिंग पाऊडर (विरंजक चूर्ण)
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कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड [CaOCl2]
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5. नौसादर (बर्तनों की कलई, शुष्क सेल में)
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अमोनियम क्लोराइड [NH4Cl]
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6. शुष्क बफ्र (Dry Ice) – प्रशीतक में
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ठोस कार्बन डाईऑक्साइड [CO2]
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7. लुनॉर कॉस्टिक (Lunar Caustic)
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सिल्वर नाइट्रेट [AgNO3] चुनाव में स्याही
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8. लाल दवा (पानी के शुद्धिकरण में)
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पौटेशियम परमैंगनेट [KMnO4]
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9. कास्टिक सोडा (साबुन बनाने में)
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सोडियम हाइड्रॉक्साइड [NaOH]
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10. कास्टिक पोटाश (नहाने के साबुन में)
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पौटेशियम हाइड्राक्साइड [KOH]
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11. सिन्दूर (Vermilaion)
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मरक्यूरिक सल्फाइड [HgS]
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12. फिटकरी (पोटाश एलम)
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पौटेशियम एल्यूमिनियम सल्फेट [K2SO4 .Al2(SO4)3.24H2O]
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13. चूने का पत्थर (कांच, सीमेन्ट में)
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कैल्सियम कार्बोनेट [CaCO3]
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14. बिना बुझा हआ चूना (Quick-lime)
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कैल्सियम ऑक्साइड [CaO]
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15. बुझा हुआ चूना (Slaked lime)
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केल्सियम हाइड्रोक्साइड [Ca(OH)2]
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16. जिप्सम (Gypsum)
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केल्सियम सल्फेट [CaSO4.2H2O]
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17. P.O.P. (Plaster of Paris)
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कैल्सियम सल्फेट [CaSO4.1/2H2O]
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18. एप्सम लवण (Epsom salt)
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मैग्नीशियम सल्फेट [MgSO4.7H2O]
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19. ग्लोबर लवण (Glober salt)
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सोडियम सल्फेट [Na2SO4.10H2O]
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20. नीला थोथा (कसीस) (Blue vitriol)
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कॉपर सल्फेट [CuSO4.5H2O]
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21.हरा थोथा (Green vitriol)
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फेरस सल्फेट [FeSO4.7H2O]
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22. सफेद थोथा (White vitriol)
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जिंक सल्फेट [ZnSO4.7H2O]
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23. चिली साल्ट पीटर
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सोडियम नाइट्रेट [NaNO3]
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24. सुहागा (टिंकल)
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बोरेक्स [Na2B4O7.10H2O]
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25. इंडियन साल्ट पीटर
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पौटेशियम नाइट्रेट [KNO3]
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26. साल्ट केक
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सोडियम सल्फेट [Na2SO4]
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27. बालू (रेत) 'Land'
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सिलिकन ऑक्साइड [SiO2]
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28. भारी पानी (Heavy water)
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ड्यूटेरियम ऑक्साइड [D2O]
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29. एल्कोहॉल (Alcohol)
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एथिल एल्कोहॉल (एथेनॉल) [C2H5OH]
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30. चीनी (Sugar)
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सुक्रोज (Sucrose) [Glu + fruct]
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31. लाल-सिन्दूर (मिनियम, Redlead)
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लैड परऑक्साइड [Pb3O4]
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32. मुरेटिक (नमक) का अम्ल
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हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
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1. समांगी (Homogeneous) – इस मिश्रण में सभी जगह एक समान संगठन रहता है। जैसे- वायु में ऑक्सीजन व नाइट्रोजन का, जल में चीनी व नमक का विलयन, कार्बनडाई सल्फाइड में सल्फर इत्यादि।
2. विषमांगी (Heterogeneous) - संगठन में सभी जगह अणु एक समान उपस्थित नहीं होते हैं। जैसे- नमक व लौहे की छिलन, रेत व सल्फर का मिश्रण, रूधिर, चीनी व नमक का मिश्रण, लकड़ी, तेल में जल।
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